Page:Lalitya bhag 1 ra 2.pdf/79: Difference between revisions
Appearance
→Not proofread: Created page with "{{c|{{larger|'''***हिउँका दिन'''}}}} {{start center block}} <poem> {{pcn|(१)}} मित्र हो ! हिउँका दिन आए सूर्यले मधुर कान्ति फिँजाए । छैन काहिँ झरि बादल वर्षा हर्षको छ सबमा अब वर्षा ॥ {{pcn|(२)}} वेगसाथ बिजुली पनि भागी त्यै महाघन-घ..." |
No edit summary |
||
Page body (to be transcluded): | Page body (to be transcluded): | ||
Line 5: | Line 5: | ||
{{pcn|(१)}} | {{pcn|(१)}} | ||
मित्र हो ! हिउँका दिन आए | मित्र हो ! हिउँका दिन आए | ||
सूर्यले मधुर कान्ति फिँजाए । | ::सूर्यले मधुर कान्ति फिँजाए । | ||
छैन काहिँ झरि बादल वर्षा | छैन काहिँ झरि बादल वर्षा | ||
हर्षको छ सबमा अब वर्षा ॥ | ::हर्षको छ सबमा अब वर्षा ॥ | ||
{{pcn|(२)}} | {{pcn|(२)}} | ||
वेगसाथ बिजुली पनि भागी | वेगसाथ बिजुली पनि भागी | ||
त्यै महाघन-घटासँग लागी । | ::त्यै महाघन-घटासँग लागी । | ||
इन्द्रनील मणि झैं अति जाती | इन्द्रनील मणि झैं अति जाती | ||
देखियो गगनमण्डल माथि ॥ | ::देखियो गगनमण्डल माथि ॥ | ||
</poem> | </poem> | ||
<noinclude>{{end center block}}</noinclude> | <noinclude>{{end center block}}</noinclude> |
Revision as of 16:35, 5 May 2025
This page has not been proofread
***हिउँका दिन
(१)
मित्र हो ! हिउँका दिन आए
सूर्यले मधुर कान्ति फिँजाए ।
छैन काहिँ झरि बादल वर्षा
हर्षको छ सबमा अब वर्षा ॥
(२)
वेगसाथ बिजुली पनि भागी
त्यै महाघन-घटासँग लागी ।
इन्द्रनील मणि झैं अति जाती
देखियो गगनमण्डल माथि ॥