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प्रभुबाटै मिलेको छ चिताएको टपाटप | प्रभुबाटै मिलेको छ चिताएको टपाटप । | ||
छैन दोस्रो महाराज ! लोकमा कल्प-पादप | छैन दोस्रो महाराज ! लोकमा कल्प-पादप ॥ | ||
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अलिकति कतै छैन राज्यमा रोगको गति | अलिकति कतै छैन राज्यमा रोगको गति । | ||
मरेको छ धरानाथ ! जराले दुनियाँ जति | मरेको छ धरानाथ ! जराले दुनियाँ जति ॥ | ||
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राजेन्द्र ! दुनियाँ नाम भए तापनि वास्तव | राजेन्द्र ! दुनियाँ नाम भए तापनि वास्तव । | ||
दुनिएको कतै छैन फुकेकै छन् प्रजा सब | दुनिएको कतै छैन फुकेकै छन् प्रजा सब ॥ | ||
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अनेकता कडा त्यस्तो, खडा त्यस्तो छ एकता | अनेकता कडा त्यस्तो, खडा त्यस्तो छ एकता । | ||
धन्य कस्तो चमत्कारी प्रभुको नीति-निष्ठता !! | धन्य कस्तो चमत्कारी प्रभुको नीति-निष्ठता !! | ||
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Latest revision as of 19:57, 18 May 2025
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(३३)
प्रभुबाटै मिलेको छ चिताएको टपाटप ।
छैन दोस्रो महाराज ! लोकमा कल्प-पादप ॥
(३४)
अलिकति कतै छैन राज्यमा रोगको गति ।
मरेको छ धरानाथ ! जराले दुनियाँ जति ॥
(३५)
राजेन्द्र ! दुनियाँ नाम भए तापनि वास्तव ।
दुनिएको कतै छैन फुकेकै छन् प्रजा सब ॥
(३६)
अनेकता कडा त्यस्तो, खडा त्यस्तो छ एकता ।
धन्य कस्तो चमत्कारी प्रभुको नीति-निष्ठता !!