Page:Luni.pdf/20: Difference between revisions
Appearance
→Not proofread: Created page with "{{c|{{larger|'''(घ)'''}}}} {{start center block}} <poem> {{pcn|(१)}} आज क्यान लूनी रानी, आज क्यान लूनी ? गर्मी दिनुमा बोर गुमेको जस्तो बन्छयौ भुनी ? {{pcn|(२)}} आज क्यान लूनी रानी, आज क्यान लूनी ? आधा वचन सुन्न छोड्यौ आधा क्रा सुनी ।..." |
|||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Page status | Page status | ||
- | + | Proofread | |
Page body (to be transcluded): | Page body (to be transcluded): | ||
Line 5: | Line 5: | ||
{{pcn|(१)}} | {{pcn|(१)}} | ||
आज क्यान लूनी रानी, | आज क्यान लूनी रानी, | ||
आज क्यान लूनी ? | ::आज क्यान लूनी ? | ||
गर्मी दिनुमा बोर गुमेको | गर्मी दिनुमा बोर गुमेको | ||
जस्तो | ::जस्तो बन्छ्यौ भुनी ? | ||
{{pcn|(२)}} | {{pcn|(२)}} | ||
आज क्यान लूनी रानी, | आज क्यान लूनी रानी, | ||
आज क्यान लूनी ? | ::आज क्यान लूनी ? | ||
आधा वचन सुन्न छोड्यौ | आधा वचन सुन्न छोड्यौ | ||
आधा | ::आधा कुरा सुनी । | ||
{{pcn|(३)}} | {{pcn|(३)}} | ||
कस्तूरीको रोग लागे | |||
जस्ती रानी लूनी ! | ::जस्ती रानी लूनी ! | ||
पालुवाको पैलो | पालुवाको पैलो मुगा | ||
रङ्गको बनमुनी ! | ::रङ्गको बनमुनी ! | ||
{{pcn|(४)}} | {{pcn|(४)}} | ||
सोह्रैँ दिनको चन्द्रमा झैँ | |||
हिमाल | ::हिमाल कुमारदेखि । | ||
वैलिनलाई पश्चिम झक्दी | |||
बैँसको छोडी सेखी ! | ::बैँसको छोडी सेखी ! | ||
</poem> | </poem> | ||
<noinclude>{{end center block}}</noinclude> | <noinclude>{{end center block}}</noinclude> |
Latest revision as of 16:10, 26 May 2025
This page has been proofread
(घ)
(१)
आज क्यान लूनी रानी,
आज क्यान लूनी ?
गर्मी दिनुमा बोर गुमेको
जस्तो बन्छ्यौ भुनी ?
(२)
आज क्यान लूनी रानी,
आज क्यान लूनी ?
आधा वचन सुन्न छोड्यौ
आधा कुरा सुनी ।
(३)
कस्तूरीको रोग लागे
जस्ती रानी लूनी !
पालुवाको पैलो मुगा
रङ्गको बनमुनी !
(४)
सोह्रैँ दिनको चन्द्रमा झैँ
हिमाल कुमारदेखि ।
वैलिनलाई पश्चिम झक्दी
बैँसको छोडी सेखी !