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दुर्भाग्यचक्रले तुल्य शरीरै चर्चरी चिरी। | दुर्भाग्यचक्रले तुल्य शरीरै चर्चरी चिरी। | ||
हावा शिशिरको घुम्छ लगातार सिरीसिरी।। | हावा शिशिरको घुम्छ लगातार सिरीसिरी।। | ||
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हिमका बहुतै साना परमाणु हवाभरी। | हिमका बहुतै साना परमाणु हवाभरी। | ||
मिलेका छन् करौंतीका तीखा दन्तशिखासरी।। | मिलेका छन् करौंतीका तीखा दन्तशिखासरी।। | ||
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हुर्रहुर्र चिसो हावा हुर्हुरायेर आउँछ। | हुर्रहुर्र चिसो हावा हुर्हुरायेर आउँछ। | ||
जुरुङ्ग भै सबै अङ्ग उसले जुर्जुराउँछ।। | जुरुङ्ग भै सबै अङ्ग उसले जुर्जुराउँछ।। | ||
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रोमाञ्च शिशिरैमा झैं सर्वदा उठने भये। | रोमाञ्च शिशिरैमा झैं सर्वदा उठने भये। | ||
सब मानिस दुम्सी झैं काँटादार हुने थिये।। | सब मानिस दुम्सी झैं काँटादार हुने थिये।। | ||
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कडा बतासले जाडो जागेको छ घरीघरी। | कडा बतासले जाडो जागेको छ घरीघरी। | ||
जनसङ्गतिले कच्चा योगीको वासनासरी।। | जनसङ्गतिले कच्चा योगीको वासनासरी।। | ||
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भूकम्पकालको रङ्ग पापी शिशिर ल्याउँछ। | भूकम्पकालको रङ्ग पापी शिशिर ल्याउँछ। | ||
बस्ताबस्तै पनी तेसै देह यो डग्डगाउँछ।। | बस्ताबस्तै पनी तेसै देह यो डग्डगाउँछ।। | ||
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हात अत्यन्त आत्तिन्छन्, खुट्टा हुन्छन् लुटूपुटू। | हात अत्यन्त आत्तिन्छन्, खुट्टा हुन्छन् लुटूपुटू। | ||
अघिको आफनू चाल छोडिदिन्छ कठै मुटू।। | अघिको आफनू चाल छोडिदिन्छ कठै मुटू।। | ||
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घर्केका हिमका थुम्का खस्छन् शब्द ठुलो गरी। | घर्केका हिमका थुम्का खस्छन् शब्द ठुलो गरी। | ||
भूकम्पकालमा अग्ला कौसी बुर्जाहरूसरी।। | भूकम्पकालमा अग्ला कौसी बुर्जाहरूसरी।। | ||
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आयो शिशिरभैंचालो कमाई लोक थर्थरी। | आयो शिशिरभैंचालो कमाई लोक थर्थरी। | ||
सफा सुघरका गाला चिरिये सब चर्चरी?।। | सफा सुघरका गाला चिरिये सब चर्चरी?।। | ||
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Revision as of 09:20, 11 April 2025
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७
दुर्भाग्यचक्रले तुल्य शरीरै चर्चरी चिरी।
हावा शिशिरको घुम्छ लगातार सिरीसिरी।।
८
हिमका बहुतै साना परमाणु हवाभरी।
मिलेका छन् करौंतीका तीखा दन्तशिखासरी।।
९
हुर्रहुर्र चिसो हावा हुर्हुरायेर आउँछ।
जुरुङ्ग भै सबै अङ्ग उसले जुर्जुराउँछ।।
१०
रोमाञ्च शिशिरैमा झैं सर्वदा उठने भये।
सब मानिस दुम्सी झैं काँटादार हुने थिये।।
११
कडा बतासले जाडो जागेको छ घरीघरी।
जनसङ्गतिले कच्चा योगीको वासनासरी।।
१२
भूकम्पकालको रङ्ग पापी शिशिर ल्याउँछ।
बस्ताबस्तै पनी तेसै देह यो डग्डगाउँछ।।
१३
हात अत्यन्त आत्तिन्छन्, खुट्टा हुन्छन् लुटूपुटू।
अघिको आफनू चाल छोडिदिन्छ कठै मुटू।।
१४
घर्केका हिमका थुम्का खस्छन् शब्द ठुलो गरी।
भूकम्पकालमा अग्ला कौसी बुर्जाहरूसरी।।
१५
आयो शिशिरभैंचालो कमाई लोक थर्थरी।
सफा सुघरका गाला चिरिये सब चर्चरी?।।