Page:Lalitya bhag 1 ra 2.pdf/296: Difference between revisions
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मित्रवर्ग !! उठ ईश्वरलाई | मित्रवर्ग !! उठ ईश्वरलाई | ||
::सम्झ भक्तिसित माथ झुकाई | ::सम्झ भक्तिसित माथ झुकाई । | ||
भारि तारि कस होश सम्हाल | भारि तारि कस होश सम्हाल | ||
::सत्य कर्म-पथमा पद हाल | ::सत्य कर्म-पथमा पद हाल ॥ | ||
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भन्दछू प्रणयले सबलाई | भन्दछू प्रणयले सबलाई | ||
::जो हुने भइसक्यो अबलाई | ::जो हुने भइसक्यो अबलाई । | ||
मित्रवर्ग ! उठ मार्ग समाऊँ | मित्रवर्ग ! उठ मार्ग समाऊँ | ||
::प्रेमपूर्वक मिली सब जाऊँ | ::प्रेमपूर्वक मिली सब जाऊँ ॥<ref>(यो लेख राणाशासनको टायममा दार्जीलिङबाट प्रकाशित | ||
भएको हो ।)</ref> | |||
भएको हो | |||
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Latest revision as of 19:53, 18 May 2025
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