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सकल तय गरेका दुःखको दीर्घ रस्ता | सकल तय गरेका दुःखको दीर्घ रस्ता | ||
::मुनिवर अलमस्ती दृष्टिको त्यो | ::मुनिवर अलमस्ती दृष्टिको त्यो अवस्था । | ||
मसित सब बताई रोकियो टक्क फेरि | मसित सब बताई रोकियो टक्क फेरि | ||
::क्षणभर मुख मेरो स्नेहका साथ | ::क्षणभर मुख मेरो स्नेहका साथ हेरी ॥ | ||
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Revision as of 21:12, 6 May 2025
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३६
सकल तय गरेका दुःखको दीर्घ रस्ता
मुनिवर अलमस्ती दृष्टिको त्यो अवस्था ।
मसित सब बताई रोकियो टक्क फेरि
क्षणभर मुख मेरो स्नेहका साथ हेरी ॥