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→Not proofread: Created page with "<noinclude>{{start center block}}</noinclude> <poem> विशाल बंशी-स्वर-रूप सिन्धुमा डुबेर जाँदा हरएक बिन्दुमा ॥ मिल्यो मलाई रसिलो रसायन तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ {{pcn|८}} उपाधि सारा उसले हरी-दियो नवीन आनन्द-सुधा भरी..." |
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विशाल बंशी-स्वर-रूप सिन्धुमा | विशाल बंशी-स्वर-रूप सिन्धुमा | ||
डुबेर जाँदा हरएक बिन्दुमा ॥ | ::डुबेर जाँदा हरएक बिन्दुमा ॥ | ||
मिल्यो मलाई रसिलो रसायन | मिल्यो मलाई रसिलो रसायन | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ||
{{pcn|८}} | {{pcn|८}} | ||
उपाधि सारा उसले हरी-दियो | उपाधि सारा उसले हरी-दियो | ||
नवीन आनन्द-सुधा भरी-दियो ॥ | ::नवीन आनन्द-सुधा भरी-दियो ॥ | ||
अपूर्व लाग्यो सव पूर्व जीवन | अपूर्व लाग्यो सव पूर्व जीवन | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ||
{{pcn|९}} | {{pcn|९}} | ||
अपूर्व उल्लास, अपूर्व साहस, | अपूर्व उल्लास, अपूर्व साहस, | ||
अपूर्व त्यो शान्ति, अपूर्वता-वश ॥ | ::अपूर्व त्यो शान्ति, अपूर्वता-वश ॥ | ||
तुरुन्त थालें उसमा म पौडन | तुरुन्त थालें उसमा म पौडन | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ||
{{pcn|१०}} | {{pcn|१०}} | ||
अपूर्व भावोदयमा रमाउँदै | अपूर्व भावोदयमा रमाउँदै | ||
पवित्र बंशी स्वर त्यो समाउँदै ॥ | ::पवित्र बंशी स्वर त्यो समाउँदै ॥ | ||
डुबें म भित्री तहमा अली छिन | डुबें म भित्री तहमा अली छिन | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ||
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Revision as of 09:43, 17 April 2025
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विशाल बंशी-स्वर-रूप सिन्धुमा
डुबेर जाँदा हरएक बिन्दुमा ॥
मिल्यो मलाई रसिलो रसायन
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥
८
उपाधि सारा उसले हरी-दियो
नवीन आनन्द-सुधा भरी-दियो ॥
अपूर्व लाग्यो सव पूर्व जीवन
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥
९
अपूर्व उल्लास, अपूर्व साहस,
अपूर्व त्यो शान्ति, अपूर्वता-वश ॥
तुरुन्त थालें उसमा म पौडन
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥
१०
अपूर्व भावोदयमा रमाउँदै
पवित्र बंशी स्वर त्यो समाउँदै ॥
डुबें म भित्री तहमा अली छिन
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥
११