Page:Buddhibinodko pahila binod.pdf/7: Difference between revisions
Appearance
No edit summary |
No edit summary |
||
Page body (to be transcluded): | Page body (to be transcluded): | ||
Line 7: | Line 7: | ||
<poem> | <poem> | ||
कहाँ थियो वास ? तँ को? म को थियें ? | कहाँ थियो वास ? तँ को? म को थियें ? | ||
प्रपञ्च के हो ? किन देह यो लियें ? | ::प्रपञ्च के हो ? किन देह यो लियें ? | ||
कहाँ छ जानू ? कुन साथ ली कन ? | कहाँ छ जानू ? कुन साथ ली कन ? | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन! ॥ | ||
{{pcn|१}} | {{pcn|१}} | ||
बिसाइ कुंलो विषयाभिलाषको | बिसाइ कुंलो विषयाभिलाषको | ||
विवेक गर्दा उस दिव्य वासको ॥ | ::विवेक गर्दा उस दिव्य वासको ॥ | ||
चमक्क चंक्यो बिजुली विलक्षण | चमक्क चंक्यो बिजुली विलक्षण | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ||
{{pcn|२}} | {{pcn|२}} | ||
मुसाफिरी सामल सल्ल पोखियो | मुसाफिरी सामल सल्ल पोखियो | ||
उठाउने होस हवास रोकियो ॥ | ::उठाउने होस हवास रोकियो ॥ | ||
म हेर्न थालें असरल्ल भैकन | म हेर्न थालें असरल्ल भैकन | ||
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ::तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥ | ||
{{pcn|३}} | {{pcn|३}} | ||
</poem> | </poem> | ||
<noinclude>{{end center block}}</noinclude> | <noinclude>{{end center block}}</noinclude> |
Revision as of 09:43, 17 April 2025
This page has not been proofread
श्रीः
गौरीशङ्कराभ्यन्तमः
बृद्धिविनोदको
पहिला विनोद
कहाँ थियो वास ? तँ को? म को थियें ?
प्रपञ्च के हो ? किन देह यो लियें ?
कहाँ छ जानू ? कुन साथ ली कन ?
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन! ॥
१
बिसाइ कुंलो विषयाभिलाषको
विवेक गर्दा उस दिव्य वासको ॥
चमक्क चंक्यो बिजुली विलक्षण
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥
२
मुसाफिरी सामल सल्ल पोखियो
उठाउने होस हवास रोकियो ॥
म हेर्न थालें असरल्ल भैकन
तँलाइ मालुं छ कि ? यो कुरा मन ! ॥
३