Page:Bhikari.pdf/49: Difference between revisions
Appearance
No edit summary |
No edit summary |
||
Page body (to be transcluded): | Page body (to be transcluded): | ||
Line 1: | Line 1: | ||
{{center|{{larger|जीवन'''}}}} | |||
<poem> | <poem> |
Revision as of 21:46, 26 January 2025
This page has not been proofread
जीवन
बिउँझी रोदनमा कलिलो
मधुरो उषाको मोहनीमा।
बैंस-वसन्त विहार सपना
कुसुमाकरको ध्वनिमा।।
प्रेम चकोर, जुनेली जादू,
शराब नशामा, चमक नजरमा।
सुन्दरमा सब, विशाल विलासी
सुखमा, कोमल स्पन्दनमा।।
नव नव झल्का, देश बिराना
अभिलाषाका उच्च उडान।
अौपन्यासिक रङ्ग र लहरी
हलुका मुटुको हलुका गान।।
कर्म-क्षेत्रको जोश नवीन
वस्तुहरूको जोख र तौल।
पयर दुवैका भरमा निर्भर
चौडा जगत स्वतन्त्र मोल।।