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::भने | ::भने झैँ सुर लिइन् ॥ | ||
सम्हाली मन फेरि | सम्हाली मन फेरि | ||
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मन भन्थ्यो बोल्न जा | मन भन्थ्यो बोल्न जा | ||
::सम्सम त्यो खोल्न जा | ::सम्सम त्यो खोल्न जा | ||
प्रेम | प्रेम टुना संसारमा | ||
::जीवन-धन मोल्न जा ॥ | ::जीवन-धन मोल्न जा ॥ | ||
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सुनचरी | सुनचरी साँझमा | ||
::नेपाल वन | ::नेपाल वन माझमा | ||
पखेटा फिँजारी | पखेटा फिँजारी | ||
::शिखरका राजमा | ::शिखरका राजमा | ||
नसुन्ने भाषामा | नसुन्ने भाषामा | ||
::कुर्लन्थी आशामा | ::कुर्लन्थी आशामा | ||
बोल्नको | बोल्नको टूना भै | ||
::जीवनको पाशामा ॥ | ::जीवनको पाशामा ॥ | ||
फुलपत्ती | फुलपत्ती जिभ्रो ली | ||
::बादलका राशमा ॥ | ::बादलका राशमा ॥ | ||
{{pcn|[३६]}} | {{pcn|[३६]}} | ||
"चरी हूँ"- मन लाग्यो | |||
::' | ::'म्हेन्दु' लाइ अकासी | ||
प्रेमको शिखरमा | प्रेमको शिखरमा | ||
::पखेटा विकासी | ::पखेटा विकासी | ||
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कल् कल् कल् केलीमा | कल् कल् कल् केलीमा | ||
::जल जल जल तादी छन् | ::जल जल जल तादी छन् | ||
आँसुमा | आँसुमा झल् झल् झल् | ||
::प्रीतिका शांदी छन् ! | ::प्रीतिका शांदी छन् ! | ||
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म्हेन्दु वन रुनझुनमा | |||
::बादल जल सुन सुनमा । | ::बादल जल सुन सुनमा । | ||
दुइ नजर कनकनभा | दुइ नजर कनकनभा |
Latest revision as of 17:10, 3 May 2025
गर्धनमा टल्काएँ
थर्थर् पो काँप्यो बा
नामर्दी ठानेँ बा !
[३१]
हुन्न जा सिँगाने
त्यो गुण्डो रैथाने
तँ बोले काटौँला
तादीमा गाडौँला
तेसै के छाडौँला !
[३२]
किन यो रुन्छे है
के कुरा गुन्छे है !
[३३]
आँखालाइ पुछेर
तर ती वर्लिइन् ।
तादीमा हाम्फालूँ
भने झैँ सुर लिइन् ॥
सम्हाली मन फेरि
आशाको भर लिइन्
एकलासमा घोरिई ।
पर्खने सुर लिइन् ॥
[३४]
मन भन्थ्यो बोल्न जा
सम्सम त्यो खोल्न जा
प्रेम टुना संसारमा
जीवन-धन मोल्न जा ॥
[३५]
सुनचरी साँझमा
नेपाल वन माझमा
पखेटा फिँजारी
शिखरका राजमा
नसुन्ने भाषामा
कुर्लन्थी आशामा
बोल्नको टूना भै
जीवनको पाशामा ॥
फुलपत्ती जिभ्रो ली
बादलका राशमा ॥
[३६]
"चरी हूँ"- मन लाग्यो
'म्हेन्दु' लाइ अकासी
प्रेमको शिखरमा
पखेटा विकासी
[३७]
कल् कल् कल् केलीमा
जल जल जल तादी छन्
आँसुमा झल् झल् झल्
प्रीतिका शांदी छन् !
[३८]
म्हेन्दु वन रुनझुनमा
बादल जल सुन सुनमा ।
दुइ नजर कनकनभा
रुन्छिन् ती मनमनमा ।