Page:Tarun tapasi.pdf/11: Difference between revisions
Appearance
No edit summary |
|||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Page status | Page status | ||
- | + | Validated | |
Page body (to be transcluded): | Page body (to be transcluded): | ||
Line 6: | Line 6: | ||
{{pcn|१}} | {{pcn|१}} | ||
रसीलो वर्षाको समय, दिन लम्बा, दिनकर | रसीलो वर्षाको समय, दिन लम्बा, दिनकर | ||
::थिये क्यै ढल्केका गगनतलमा | ::थिये क्यै ढल्केका गगनतलमा पश्चिमतिर । | ||
त्यसै बेला घुम्दै विजन पथको पादपमनि | त्यसै बेला घुम्दै विजन पथको पादपमनि | ||
::पुगे कोही यौटा कविवर बिसाऊँ अब | ::पुगे कोही यौटा कविवर बिसाऊँ अब भनी ॥ | ||
{{pcn|२}} | {{pcn|२}} | ||
मजाको चौतारी, वरपर सबै शून्य विजन | मजाको चौतारी, वरपर सबै शून्य विजन | ||
::निकै टाढा पर्थे भवन, वन, वस्ती, | ::निकै टाढा पर्थे भवन, वन, वस्ती, उपवन । | ||
बहन्थिन् सामुन्ने कलकल नदी | बहन्थिन् सामुन्ने कलकल नदी पुण्य-सलिला | ||
:: | ::अनेकौँ देखिन्थे तट-निकटमा सुन्दर शिला ॥ | ||
</poem> | </poem> | ||
<noinclude>{{end center block}}</noinclude> | <noinclude>{{end center block}}</noinclude> |
Latest revision as of 14:09, 30 May 2025
This page has been validated
श्री गौरीशङ्कराभ्यां नम:
तरुण तपसी
प्रथम विश्राम
१
रसीलो वर्षाको समय, दिन लम्बा, दिनकर
थिये क्यै ढल्केका गगनतलमा पश्चिमतिर ।
त्यसै बेला घुम्दै विजन पथको पादपमनि
पुगे कोही यौटा कविवर बिसाऊँ अब भनी ॥
२
मजाको चौतारी, वरपर सबै शून्य विजन
निकै टाढा पर्थे भवन, वन, वस्ती, उपवन ।
बहन्थिन् सामुन्ने कलकल नदी पुण्य-सलिला
अनेकौँ देखिन्थे तट-निकटमा सुन्दर शिला ॥