Page:Shakuntala.pdf/255: Difference between revisions
Appearance
No edit summary |
|||
Page status | Page status | ||
- | + | Proofread | |
Page body (to be transcluded): | Page body (to be transcluded): | ||
Line 3: | Line 3: | ||
{{start center block}} | {{start center block}} | ||
<poem> | <poem> | ||
शीघ्र शीघ्र चल्छ यान । | |||
::राज-धामतर्फ जान ॥ | ::राज-धामतर्फ जान ॥ | ||
वन्य दृश्य छुट्छ दूर । | वन्य दृश्य छुट्छ दूर । | ||
Line 10: | Line 10: | ||
दीर्घ मार्ग लम्बिएर । | दीर्घ मार्ग लम्बिएर । | ||
::घुम्छ | ::घुम्छ उच्च निम्न हेर ॥ | ||
दूर दूर | दूर दूर साङ्ग्रिएर । | ||
:: | ::शस्यदार छेउ लेर ॥ | ||
{{pcn|(२)}} | {{pcn|(२)}} | ||
शुभ्र | शुभ्र झैँ फिता बनेर । | ||
::जो हरा | ::जो हरा किनारदार ॥ | ||
क्षेत्र शैलको सिँगार । | |||
::लग्छ तान्छ दूर, पार ॥ | ::लग्छ तान्छ दूर, पार ॥ | ||
{{pcn|(३)}} | {{pcn|(३)}} | ||
मोहनी | मोहनी सिँगारदार । | ||
::तुल्य डाक्नु | ::तुल्य डाक्नु मञ्जु भार ॥ | ||
भन्छ "हे | भन्छ "हे शकुन्तले म । | ||
:: | ::लेर जान्छु दृक् उघार ॥ | ||
{{pcn|(४)}} | {{pcn|(४)}} | ||
</poem> | </poem> | ||
<noinclude>{{end center block}}</noinclude> | <noinclude>{{end center block}}</noinclude> |
Latest revision as of 21:56, 24 May 2025
This page has been proofread
विंशतितम सर्ग
शीघ्र शीघ्र चल्छ यान ।
राज-धामतर्फ जान ॥
वन्य दृश्य छुट्छ दूर ।
मालिनी-सुचारु-तीर ॥
(१)
दीर्घ मार्ग लम्बिएर ।
घुम्छ उच्च निम्न हेर ॥
दूर दूर साङ्ग्रिएर ।
शस्यदार छेउ लेर ॥
(२)
शुभ्र झैँ फिता बनेर ।
जो हरा किनारदार ॥
क्षेत्र शैलको सिँगार ।
लग्छ तान्छ दूर, पार ॥
(३)
मोहनी सिँगारदार ।
तुल्य डाक्नु मञ्जु भार ॥
भन्छ "हे शकुन्तले म ।
लेर जान्छु दृक् उघार ॥
(४)